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संतोष कुमार राय 'बटोही' केर डायरी 'लव यू टू'

8-11-2016

नोटबंदी : कारी दिन

भारतक इतिहास मे नोटबंदी 'ब्लैक मनी' आओर 'नोट जालसाजी' केँ रोकवा मे कतेक सक्सेस भेल तकर मूल्यांकन अबै वाला इतिहास करतै। आठ नवम्बर केँ आठ बजे बेगैर पहिने बतौने प्रधानमंत्री टीवी चैनल सँ इ कहलैन्ह जे 500 आओर 1000 नोट चलन मे आब नहि रहतै। इ ब्लैक मनी , नोट जालसाजी आओर आतंकवाद केँ रोकवाक लेल जरूरी अछि। पूरा देश अवाक् रहि गेलै। ब्याह-उपनयनक समय छेलै। 23 मई सँ 30 दिसम्बर केँ बीच नोट बदलै लेल समय देल गेलै। हम टीवी खोलि कऽ बैठले रहि। साँस बन्न जेना भऽ गेल क्याक तँ हमरा लग 500 सौवक किछु हजार नोट घर मे पडड़ल छल। मायक मु इला बाद गाम मे रह अ लगलहुँ अछि। भरि राति नीन्न नहि भेल। योजना बनौलहुँ कि कोना अइ संकट सँ पार पाबि। अगिला दिन बैंक पहुँलहुँ ।बैंक खुलै सँ पहिने बैंक केँ गेट पर किछु हजार लोकनि जमा छलाथि। पता चलल जे सौ टाका वाला नोट भेटत, परञ्च ऊ सभको किछु-किछु दैके छै। ताहि दुआरे दोसरो- तेसरो दिन आबऽ पड़त।हमरा तँ आँखि उनैट गेल इ जमघट देखि कऽ। कोनहुँ धरानी रेलम-पेल केँ बीच एक-दोसर केँ धकलैत एक-दू दिन मे नोट बदलवेलहुँ अछि। नवका नो छपा रहल छै आओर दिन समय लगतै।

500 आओर 1000 केर पुरनका नोट बदला मे नवका नोट , जमा-निकासी मे ततेक कम टाका निकालै केँ आदेश देल गेलै से बड़ लोकनि ब्याह-उपनयनक शुभ-मुहूर्त कैन्सिल केलाह । बहुते काँच-कुमार केँ ब्याह रूकि गेलैन्ह। ब्याह रूकला सँ अरबो-खरबो केँ बिजनेस चौपट भ गेलै। ब्याहक दिन- ठेकायल दुल्हा-दुल्हन माथा पीटलक। किछु लरिका-लरिकी संग भागि कऽ मंदिर मे ब्याह गेलाथि। बैंक लाइन मे लागि कऽ कतेक लोकनि पूरा देश मे जान गमौलक। छोट धंधा करै वाला केँ धंधा चौपट भ गेलै ,देहारी मजदूर केँ देहारी बन्न भ गेलै, छोट-मोट काम करै वाला मजदूर केँ काज छुटि गेलै। कम्पनी सभ बन्न भ गेलै। नवका नोट चलन मे अबै सँ पहिनहि साउथ इंडिया मे एकमुश्त एकटा लोकनि जमा केने पकड़ेलाह।

हमरा मोने 'ब्लैक मनी' बन्न नहि भेलै। नोट जालसाजी किछु कम भेल हेतै। परञ्च देशक अर्थ बेवस्था बेपटरी भ गेलै। लोक मानसिक, शारीरिक आओर आर्थिक रूपे फीरिशान भेलाह। बेरोजगारी केँ आलम बढि गेलै। क्रा इम केँ ग्राफ बढि गेलै। कतेक मास धरि लोक बैंक-बैंक खेलैत रहलाह। जिनगी उस्सर खेत जकाँ भ गेलै सभहक। लाभ कम आओर हानि बेसी भेलै नोटबंदी सँ। एहेन संकट काल मे जिनगी केँ बाँचब कठिन भ गेल छल। भूखमरी बढि गेल छल देश मे। सिया सुकुमारी बिन ब्याहले रहि गेलीह। इ दिन भारतक इतिहास मे कारी दिन थिक।

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