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सुभाष कुमार कामत

चर्चित गाम नौआबाखर

गामक नाम सुनैत मातर सँ कतेको रास मोनमे ख़ियाल आबय लगैत अछि। गाममे हमर प्राण आ जान बसैत अछि। विशेषतर ओहि माटिक सौंधी सुगंध सँ गमकैत हमर गाम। पाठक'क मोनमे इहो सवाल उठत जे कि आखिर गाम कहबै ककरा। एकटा छोटछिन मनुखक बसाबट जे शहर - कस्वा सँ छोट आओर कोनू लघु समुदाय रहवासिय स्थल सँ पैघ होइत छैक। अर्थात जाहिठाम लगधक 75 सँ 1000 संख्याँ धरि घर रहैत होय आओर लोक एक दोसर सँ चिर- परिचित रहैत य। ग्रामीण प्रक्षेत्रमे लोक खेती आओर पशुपालन व्यवसाय पर निर्भर रहैत अछि। महात्मा गांधी जी कहनै छलैथ भारतक आत्मा गांउमे बसैत छैक।
अखनो बदलल परिस्थितिमे सुन्नर देहात देखैक लेल भेट जाएत। आधुनिक लोक आइयो बहुत किछ सँ सुविधावंचित अछि, तखनो लोक खुशी सँ संतोषप्रद जीवन - यापन कय रहल य। एहिकेँ सुच्चा खाँटी गाम कहू तँ कोनो अतिश्योक्ति नै।
देशमे सब साल गामके संख्याँमे गिरावट आबि रहल अछि,जे चिन्ताक विषय थीक। अनेको लोक नित्यत: प्रवासी बनि रहलय आओर जीवन यापनक लेल प्रदेश आ विदेश जा रहल य। शहरी चकाचौंधमे बेसी रमल रहैत आओर अपन मूल समाज सँ कटि जाईछ। आन प्रदेशमे लोक कतबो सुखी संपन्न रहल छल, मुदा करोना काल आओर लाउक डाउन अवधिमे अपन गाम लौटेक लेल मजबूर धरि कयल गेल रहैक।
हमरा मिथिलामे सेहो बहुत रास गाम अछि। सभ गामकेॅं किछु नै किछु इतिहास, भूगोल छैक, आ अपन परिसीमन छैक। अपने लोकनि मिथिलाक बहुत गामक नाम सुननै होयब आओर बूलल सेहो होएब। चलू चलै छी मिथिलाक कोसीकन्हा क्षेत्रक एकटा गाम नौआबाखर देखय- घुमय।
नवबखार सँ नउबखर आओर नउबखर सँ नौआबाखर। Nowabakher, Nauwabakhar, Nauabakhar सरकारी कर्मचारी सभ जिनका जे मोन भेल से रिकार्डमे लिख देलैथ। कोनू बोली-वाणी आ भाषा कठोरता सॅं सरलता दिश जायत अछि। जेना -: फुलपराग सॅं फुलपरास, गार्डन बाग सँ गर्दनी बाग़, वैद्यनाथ सॅं बैजनाथ, जगन्नाथ सॅं जगरनाथ। ठीक तहिना गामक नाममे रसे - रसे परिवर्तन होईत नौआबाखर भऽ गेलैक। दूर दराजके लोक तँ आइयो नौआबाखर केॅं लौआबाखैरक नाम सँ जानैत - बुझैत अछि। अलापुर परगानक नौआबाखर, मधुबनी जिलाक फुलपरास अनुमंडलके घोघरडीहा प्रखंडमे अवस्थित छैक। नौआबाखर, रेलवे टीशन घोघरडीहा सँ 7 किमी० दक्षिण अछि । बाबाधाम (देवघर) रस्तामे जहिना जिलेबिया मोड़ छै, ओहि सँ कम मोड़ नै हएत एतय।
गामक नामकरणके पाछाँक किदवंती ऐ तरहक अछि; कहल जाएत अछि जे- पहिने एतय बौद्ध भिक्षुक निवास स्थान छल। नव+बखार अर्थात नव- नौ , बाखर - अनाज रखैक बड़का बखारी वा ढ़ेक। बौद्ध भिक्षुक सभ एतहि अनाज संग्रहीत कैर रखैत छलाह।
दोसर किदवंती अछि - एहि क्षेत्रक भूमि उपजाऊ रहल अछि,तेँ छपरा आदिक बाहरी नोकिरहारा - व्यापारी लोक एतैह आबि रहि गेलैथ। कियाक तँ ई स्थान ऊँचगर छल। एतहि अपन समान, अनाज- बुतात आ खेती सँ संबंधित ओजार सभ रखैत छलाह‌; से आगन्तुक व्यापारी लोक नउबखर कहै लागल । नउ - नौ (9) आओर बखर - खेत जोतेह वाला औजार सभ जेना - कोदाईर, खुरपी, हांसू, छीटा, हर, हरीश, चौकी, पालो, बरद आदि।
गामक चौहद्दी तँ बतौनाई बिसैर गेल छलौंह। यथा-
पूभर - मैंनहीं , पछिम - धावघाट , उत्तरमे हटनी आओर दक्षिणमे निघाम- सरौती। दक्षिण भाग मानचित्रमे राजस्व मौजा देवनाथपट्टी छी, मुदा सामाजिक रूपेँ नौआबाखर - देवनाथपट्टी एके गाम छी, एके डिबारकेँ ब्रह्मस्थानमे पूजैत आबि रहलैक हेन। एतुका डिहवार बाबाके नामकरण 'देवनाथ' छन्हि। मूलतः ई कियोट/केउट बाहुल्य बस्ती छी, जतय बारहो वर्ण निवास करैत छैक। कियौट(केउट) जाति एकसांझक भोजमे बारह मोन चाउरक भात खाईत छैक।
गामक चौहद्दी नामकरणके पछाँ सेहो किदवंती अनुसारे सरौती - जतय औंती सड़ैयल जाएत छल - गाम गहिंर छल बेसी पानि रहैत छलैक तँ पटुआ गोरल जायत छल। एतहि सँ सोन तैयार करि जूट कारखाना पठायल जायत छल। अखनो पटसनक खेती देखै लेल भेट जाएत। ई किसान आ कृषि मजदूर लेल नकदी जजात मानल जाईछ।
मैंनही नामकरण पछाँ ई कहल जाएत अछि जे धारक एतिह पैघ-पैघ मैंन छल अर्थात पाईन खूब बेसी रहैक। मल्लाह सभ खूब माछ मारैत छल। धावघाट- धारक घाट जतह मल्लाह लोक नाव बान्धैत छल। हटनी - जे हटि के बसल नव गाम छी। गामक बिचोबीच बिहुल धार (नदी) बहैत अछि। बिहारके नदियां नामक किताबमे सेहो गामक चर्चा भेलि अछि। दरभंगा महाराज कचहरी सेहो छल, मुदा नँय आब कचहरी रहल ; नै ओ साबिकक लोक सभ आब रहल। गाममे मवेशीक कारावास (ढाठ) सेहो छल जे जिला परिषद सँ संचालित होईछ।
गाममे हिंदू आओर मुसलमान दूनू सम्प्रदाय - धर्मक लोक बसैत अछि । हिंदूमे केवट (केउट), कुंभहार, नाई, तेली, सूरी, हलवाई, मोची, डोम, बढ़ई आ राजपूत य तँ मुसलमानमे मोमीन, धुनियाँ, धोबी, कुजराके आवादी छैक। कतेको मंदिर यथा, महादेव मंदिर, काली मंदिर, हनुमान मंदिर, राधाकृष्ण मंदिर, बिसहारा स्थान, कमलेसरी पौखैर आओर तीनटा मस्जिद सेहो अछि। गामक लोकके पेशा कृषि अछि। जाहिमे मुख्य फसल अछि धान, गहूंम, खेरही (मूंग), मडुआ, पटसन(चन्ना-चन्नी)सनै, पटुआ, साग-सब्जी, आम, लीची, बांस, केरा, माछ आओर पशुपालनमे (गाय, महिंस, बकरी, कुक्कुट, बतखक पालन) आओर माटिक बर्तन आय के मुख्य स्रोत छी। । मुख्य बाजार पहिले नहरिया आ मधेपुर छल, आब मधेपुर घोघरडीहा अछि । घोघरडीहा हाट मे सरकारी ITI, महिला टिचर्स ट्रेंनिग, डीग्री कालेज, शिक्षक प्रशिक्षण केन्द्र, अंचल सह प्रखंड कार्यालय, पुलिस थाना, रेलवे स्टेशन (फुलपरास विधानसभाक एकमेव रेलवे स्टेशन) बिजली कार्यालय, डाकघर, अस्पताल, सरकारी अनेक बैंक, गाड़ी एजेंसी आदि रहैत ओना घोघरडीहा उत्तर बिहारक अनाज मंडीमे सुमार छै।
एतुका लोक राजनीतिमे सेहो सक्रिय रहल अछि, श्री लालदेव कामत विधानसभा प्रत्याशी (BSP) रहि चुकलाह जे वर्तमानमे भारतीय जनता पार्टी म झंझारपुर जिलाके सहप्रभारी छथि। श्री हीरालाल चौधरी उप प्रमुख बनल छलाह, श्री बलराम साहु जिला पार्षद रहि चुकलाह, श्री रंगलाल चौधरी दू खेप पैक्स० अध्यक्ष रहलाह। प्रमोद ठाकुर (बेचू ठाकुर) दूनू पति-पत्नी पंचायत समिति सदस्य रहलाथि। संजय कुमार निराला मुखिया बनलाह। अब्दुल जलीलके पत्नि सरपंच बनल छलीह। श्रीमती सुमित्रा देवी जिला परिषद प्रत्याशी छलीह, विनोद कुमार कामत मंडल अध्यक्ष भाजपा० रहथि।
गाममे शिक्षाके प्रति लोक जागरूक भेलथिन। भारत सरकार आओर बिहार सरकार दूनू जगह नौकरीमे कार्यरत अछि। श्री रामलोचन कामत औभरसियर साहेब आ शिबलोचन कामत दूनू भाय शिक्षक छथि। श्री उमाकांत कामत (BSF), मनोज कुमार (SBI), जय प्रकाश कामत (BSF), राजू जी, अमलेश कुमार आओर अनेको गोटय रेलवेमे कार्यरत अछि। डेढ़ दर्जन सँ अधिक लोक शिक्षक छथि - श्री महाकांत प्रसाद उच्च माध्यमिक शिक्षक संघ मधुबनीक जिलाध्यक्ष रहि चुकल छथि। अवधेश साहु, राजेश कुमार सुमनजी, विशेश्वर कामत, बलराम चौधरी, सुभाष कुमार कामत शिक्षक बनय सँ पूर्व IFFCO केर हेड क्वार्टरमे कार्यरत रहल, ओहि सँ पूर्व कइकटा बैंकमे सेवा दऽ चुकल छथि। कैलाश कुमार आनंद, उदय वर्मा, राजकुमार, बैजू मंडल, मो० फिरोज, ई० रोहित कुमार ( SDO), ई० राहुल कुमार (पोलिटेकनिक), डाॅ अशीष कुमार (वेटनरी), डाॅ अमन कुमार चौधरी (डेंटिस्ट ), प्रो० बेचन साह , मो० शमशेर ग्रामीण पुलिस पदस्थापित अछि।

गामक लोक साहित्य - कला आओर संस्कृति सँ सेहो जुड़ल अछि - समीक्षक श्री लालदेव कामत जी, समाजसेवी केर संग- सँग स्वतंत्र पत्रकार आओर लेखक रहल छथि। कोसी संदेश मैथिली त्रैमासिक पत्रिकाक सह संपादक छथि, गाममे कतेकौह बेरि मिथिला विभूति स्मृति पर्व समारोह आयोजित केलनि आ 'सगर राति दीप जरय' कथा कार्यक्रम सेहो आयोजित करवौने छथि। हुनक किछु पुस्तक सेहो प्रकाशित अछि - अजेय भारत - अटल भारत, दिव्य दृष्टि, विभृति आदि। महाकांत प्रसादजी सेहो पत्र- पत्रिकामे रचना लिखैत रहैत छथि । ऐ पाँतिक लेखक सेहो कविता आओर बीहनिकथा लिखैत रहै छथि। कैलाश कुमार आनंद जीक रचना पत्र - पत्रिकामे कम देखैक लेल भेटय, मुदा सोशल मीडिया पर हुनक गीत आ कविता खूब सूनैय पढ़ैय ले भेटैत अछि। नाटक आओर अभिनयमे प्रमुख पात्र रहलाह अछि- महाकांत प्रसाद, बलराम साहु, रामकुमार कामत, बैजू मंडल, प्रदीप भंडारी, गोपाल सिंह, उदय चौधरी, रामलोचन कामत, मनोज कामत, किसुन राम, सुभाष कुमार कामत, लक्ष्मण साह। लक्ष्मण साह कतेको मैथिली फ़िल्ममे काज कैरि चुकल य।
गाममे पहिलेक अपेक्षा आब बहुत रास परिवर्तन भ' गेलैक हेन। नौआबाखर गाम आब गाम नै रहल, दरसन् 1995 ई०मेँ सबसँ पैघ रकबाके मौजा रहने पंचायत बनि गेलैक। नौआबाखर, हटनी, सहोरबा, धावघाट आओर धनपतबरही मिलाके पंचायत परिसीमन बनि गेल य। पंचायत नामकरण नौआबाखर गामेक नाम पर अछि। गामक जन आवादी करीब तीन हजार होयत।
मिडिल स्कूल आब उच्च माध्यमिक विद्यालय कोड नौआबाखर बनि गेलि। बिहार सरकार द्वारा पंचायत भवन आओर बाढ़ राहत केन्द्र सेहो बनि गेल, अस्पताल बैनि रहल य। पंचायतक सहोरबा गामक निवासी श्री विरेन्द्र प्रसाद वर्मा जी माननीय न्यायमूर्ति बनलाह पटना हाईकोर्टक। एही पंचायत'क हटनी गामवासी अजीत आजाद जीके हुनक रचना पर साहित्य अकादमी पुरस्कार भेटल छन्हि। युवावर्ग सभ दरभंगा, पटना, दिल्ली, कोटा, बैंगलोर, कोलकाता आ देशक आन - आन क्षेत्रमे जाकय उच्च शिक्षा हासिल कैरि रहिलय हेन। गामक लोक सभ आबि बुझि रहलय जे अपन मातृभाषा केँ। संविधानके अष्टम सूचिमे आबि गेला सँ भाषा (मैथिली) रोज़ी रोटी लेल साधन बनल अछि। युवती सभमे अपन मातृभाषा मैथिली विषय सँ आगा पढ़बाक रूचि जागि रहिलय य। चंदा कुमारी मैथिली विषयमे स्नातकोत्तर पटना विश्वविद्यालय सँ कयलिह, संगहि मधुबनी पेंटिंग सेहो निक बनाबै छथिन। प्रीति कुमारी, बबीता कुमारी,आरती कुमारी आओर संगीता कुमारी संगे आरो युवती सभ मैथिली विषय प्रतिष्ठा सँ ग्रेजुएट भेलिह अछि। गामक युवती सभ सेहो सरकारी नौकरी कैरि रहिलय य। मुस्लिम समुदायके युवातुर सभ रोजी- रोटीक खातिर आब विदेश जाए लागल हेन। गामक किछु नवयुवा वहिक्रमके लोक शदिग्भ्रमित सेहो भ गेल, जे व्यसनमे लिप्त रहि सोशल मीडिया आओर अनर्गल कुसंगतमे पड़ि अपन वर्तमान बर्बाद कैरि रहलय य।
गामक चौक हाट- बाजार बनि गेल छैक। किछु आदमी गाम सँ वाणिज्य करि रहलय, जाहिमे सफल अछि- अरविंद साहु (अनाज), उमाकांत कामत(हार्ड वेयर), राजकुमार साह(मिष्ठान और फल), अजीत राम (साइबर कैफे), प्रहलाद कुमार (दवा), लवकुश कुमार (बर्तन भाड़ा), सुंदर लाल चौधरी (मार्बल्स और पत्थर), नरेंद्र चौधरी उर्फ़ लालाजी आओर तारकेश्वर मंडल टेंट साउंड कारोबारी अछि।
नवयुवक लोकनि काली पूजा आओर छठिपूजामे गाम आबैत अछि। प्रेम आओर सौहार्द सँ पूजा- पाठ करैत अछि। आब लगधक सभ पूजा आयोजन हु‌अ लागल जेना- कृष्ण जन्माष्टमी, गणेश पूजा, विश्वकर्मा पूजा, सरस्वती पूजा, तजिया (दाहा), काली पूजामे मेला लगैत अछि। तीन खेप नामी यज्ञ एतय अतितमे सुसम्पन्न भेल अछि। आब गामक शैक्षणिक माहौल बदैल गेल संगे अर्थव्यवस्था सेहो।
आखरिमे कवि मंत्रेश्वरक अनचिंहार गाम, लालदेव कामतके - डेरबुक गाम आओर सुभाष कुमार कामतकेर- हरेयाल गाम कविता याद अबैत अछि। सुभाष कुमार कामत पाँति एहि तरहक रचल पढ़ने होयब :-
....….बढ़ हरास भेलि
जखन देखलो
टेलीविज़न स्कीन पर
गुमशुदाक सूचिमे
हरायल अपन गाम।
 

- सुभाष कुमार कामत, +2 शिक्षक (हिंदी), उच्च माध्यमिक विद्यालय नौआबाखर, घोघरडीहा (मधुबनी)

 

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