आशीष अनचिन्हार
२ टा गजल
१
किनको भेटै फूलक रंग
किनको भेटै काँटक रंग
चुप्पे रहलै मंचक पात्र
बदलल लागल नाचक रंग
पूरा पूरी मोनक चाह
आधे रहलै आधक रंग
अपने रहलै हरियर गाछ
पीयर भेलै पातक रंग
नीपल ढ़ौड़ल बहुते झूठ
भखरल भखरल साँचक रंग
सभ पाँतिमे 22-22-22-21 मात्राक्रम अछि।
२
बेपारी छै ताल बैताल
हाटक बड़का जाल बैताल
कारी कारी कर्मक बलपर
गोटी भेलै लाल बैताल
इच्छा बनि गेलै भस्मासुर
अपने बनलै काल बैताल
जा धरि दियाद गलि नै गेलै
दबने रहलै माल बैताल
हुनकर मोनक हुनकर देहक
हमरो कहलक हाल बैताल
बाँकी नै छै कोनो गाछी
आबै साले साल बैताल
सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानल
गेल अछि। ई बहरे मीर अछि।
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