प्रमोद झा 'गोकुल'
श्रीमैथिली चरणमे
चलू एम्स एम्स खेलाइ
मुरही कचरी खूब खाइ ।।
सूतल रहू ओढ़ि रजाइ ।
भेले बियाह बूझू यौ भाइ! ।।
राजक लेल जे तनलौं तान ।
सेहो लगैए भै गेल म्लान।।
चुड़ा दहीमे ओठङल जान।
पान मखानमे सटि गेल प्रान।।
माछक मूड़ा लखि पलै पूरा।
माथक पाग लटा गेल धूरा।।
गुटबन्दी गोलैसी गुलछर्रा ।
काज हमर यैह रोजमर्रा ।।
भाङ पीबि सुतलहुँ बहुते ।
आगांँ पाछाँ केलहुँ बहुते ।।
भेटल की सब कहू सते।
मर्दित मान आन छल जते।।
उठू उठू जागू सब मैथिल।
ने मोजर गुजर भेने शैथिल ।।
जाति पाति पाटा पाटी छोड़ू।
मिथिला हित अपनाके जोड़ू।।
भेद भाव सब वलपूर्वक तोड़ू।
श्रीमैथिली चरणमे मनके मोड़ू।।
-प्रमोद झा 'गोकुल', दीप, मधुवनी (विहार); फोन
-9871779851
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