जगदानन्द झा 'मनु'
बीसटा हाइकू
१.
अहाँ धनिक
गरीबो मनुखे छै
ई बुझि लिअ
२.
सोना महग
मनुख सस्ता किए
भेल जाइ छै
३.
सभ दिनसँ
एनाहिते भेलैए
सज्जन संगे
४.
माटिक देह
तकर घमंड की
आगिमे जेतै
५.
जरैत देह
धधकैत गाछीमे
घमंड संगे
६.
जीवन भरि
जेकरा पोसलहुँ
देलक आगि
७.
माहुर चिखि
दुनियामे हमहुँ
पेट भरलौं
८.
जीबैत देह
मरल आत्मा संगे
लोक घुमैए
९.
अप्पन आन
सभ मतलबकेँ
धरतीपर
१०.
नअ महीना
जे पेटमे रहल
बिसरि गेलै
११.
मुइलापर
हिस्सा लेबै खातिर
अप्पन एलै
१२.
अभाबे गेला
भोजक लिस्ट आइ
पैघ बनै छै
१३.
बड़ भोगलौं
झुग्गी बस्ती दिल्लीक
नरक भोग
१४.
दर्शन केलौं
भोरका सूरुजक
प्रथमे बेर
१५.
हमरो मोन
कुंभ जाइकेँ छल
कर्मे बन्हेलौं
१६.
सगरो मेला
बहुते भीड़ भाड़
माँ असगरे
१७.
घर माँछ तँ
बाहरो माँछे माँछ
नीक जतरा
१८.
कपार तेज
तँ सुखलोमे धान
नै तँ जीयान
१९.
वनवासमे
सियाराम लखन
भागक खेल
२०.
कपार ठीक
पुरुषार्थ उपर
सभदिनसँ
जगदानन्द झा 'मन', मोबाइल न० ९२१२४ ६१००६
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