राम शंकर
झा "मैथिल"
कोल्हूक बरद/ मुदा आब
१
कोल्हूक बरद
कोल्हूक कें बरद बनि घूमि रहल छी
जिनगी कें पहिया घसा रहल छी..!
कोल्हूक बरद बनि......!
कतह जायब..? कोना जायब...?
कियाक जायब.? कि लअ जायब
सब देखा- देखी मे भागि रहल अछी
पराअ रहल अछी
कोल्हूक बरद बनि....!
सब कें बुझल छैय सबकें देखल छैय
सब कें रमल छैय सबकें गमल छैय
किछु आंगा किछु बीच मे किछु पहिने
किछु संजोगने किछु समाहरने नुकाबैत
कोल्हूक कें बरद बनि....!
एहि बारि ओहि बारि ई खेत उ खेत
जोईत रहल छी जोतबा रहल छी
एहि गाम ओहि गाम ई नगर उ नगर
छीछीआ रहल छी बौआह रहल छी
कियाअ कथिलाअ ककरालाअ..?
ने हिनका बुझल ने हुनका बुझल
सब एक दोसर कें दाबैत पिचैत
कोल्हूक कें बरद बनि.....!
मरदक मोंछ बनि ऐंठि रहल छी
ग़ुमान लेल गामा पहलबान लेल
खरीदा रहल किताअ पअर किताअ
ठोकबा रहल छी कोठी पअर कोठी
नहिं साँझ नहिं भोर नहिं भिंसर
नहिं कलौउ नहिं बेरहट नहिं राति
बताह भेल भकुआ रहल छी
कोल्हूक कें बरद बनि....!
एहि ठाम ओहि ठाम सुनि रहल छी
आउ ठाम आउ ठाम सुनबा रहल छी
सब घर-घरान गाबि रहल अछी
सब सर -समांग गबबा रहल अछी
मुदा कें सुनत किनका सुनत..?
अपनहिं उल्लू सोझ करबाक लेल
ओंघाल अपसिंआत ओझराल छी
कोल्हूक कें बरद बनि....!
ज्यों जिनगीक यथार्थ मर्म बुझि
किछु दैत रहि किछु दियाबैत रहि
हंसी-हंसा बाजि हँसाबैत रहि
हंसी-ठठाक बथान मचान
धिया-पुता सङ्ग बनाबैत रहि
मुदा जानि नहिं.....
कोल्हूक कें बरद बनि घूमि रहल छी
जिनगी कें पहिया घसा रहल छी...!!
कोल्हूक कें बरद बनि घूमि रहल छी
२
मुदा आब
झारल झमारल पड़ल
टुकुर टुकुर ताकैत
आकाश दिस
कखनो चाअर कें निहारैत
आँखि खुलैत बन होईत
पड़ल छी मृत्युश्या..!
मुदा आब..?
कखनो बुझना जाईत
घिरनी जंका घर नाचैया
कखनो बुझना जाईत
बिजलौका लौकि रहल
आ हअमरा छाति गिरल
पड़ल छी मृत्युश्या...!
मुदा आब..?
फुदन किछु कहि रहल
मरनी माअ फटकि रहल
मकैईक घुन आ सुराआ
तखने बुझना गेल
छोटका बड़का गाछ वृछ
पूछी रहल हे यौ बाउ
हअमरा आ हअमर धिया पुता
काईट काईट गाय महिंस कें
पेटभाड़ा भोज करबैत रहलूँह
चूल्हा मे झोंकि झोंक जरेलहूँ
घर बथान बनलहूँ
मुदा आब...?
पड़ल छी मृत्युश्या...!
तखने बुझना गेल
भरल पईन पोखैर ईनार
सेहो पूछी रहल हे यौ बाउ
अपन प्यास बुझेलहूँ
घर घरैनक प्यास बुझेलहूँ
चास बॉस खेत पअटेलहूँ
पड़ल छी मृत्युश्या...!
मुदा आब..?
तखने बुझना गेल
चुट्टी पिपरी कीड़ा मकोड़ा
सेहो पूछी रहल हे यौ बाउ
अपन पेट भरबाक लेल
घर घरैन समांगक लेल
खेत पथार जोईति
आईर सिमान ढ़ाहैत
बड़का बड़का ढ़ेला फोरि
हअमर सबटा नेना भुटका
अपसियांत बमकैत
कोदाईरक पसाठ मार लहूँ
मुदा आब....?
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