प्रथम मैथिली पाक्षिक ई पत्रिका

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कल्पना झा
३२म- ३५म शताब्दीक मैथिलीक नेंओक साक्षी कोबर घर तैयार


मैथिली भाषा-साहित्य मे गजेन्द्र ठाकुर एवं प्रीति ठाकुरक योगदानक आलोचनात्मक विवेचन बला पोथी "प्रीति कारण सेतु बान्हल" Redefining Maithili क लेखकीय प्रति प्राप्त भेल। पोथी देखि मोन प्रसन्न भ' गेल। बहुत नीक डिजाइन कएल गेल अछि। छपाइ,कागज के क्वालिटी सभ किछु बहुत नीक। पढ़बामे सुगम, सभ बएसक लोकलेल(फॉन्टक कारणेँ)। एहि पोथीक सभ सँ बड़का विशेषता वा आकर्षण कहि सकैत छी,जे हमरा ठीके बड्ड आकर्षित कएलक,ओ अछि मैथिली लोकगीतक किछु पाँतिक माध्यम सँ पोथी मे संकलित लेख सभ केँ कैटगराइज करब। एकहक टा गीतक पाँति एकहक टा खंडलेल आ से यथोचित चुनाओ, गज्जब..जेना ----

आजु जनकपुर मंगल भुप सभ आओल हे....अनुक्रम लेल

प्रथम गणेश पद गाओल देवता मनाओल हे.......संपादकीय लेल

सभटा गीतक बोल बेजोड़ चुनलनि अछि।

बनही मे मुँगिया जनमि गेल बनही लतरि गेल हे......
पीपरक पात अकासहि डोलए शीतल बहए बसात यौ....
पहिल पहर गौरी पूजल.....
तोड़लनि धनुष कठोर हे परिछन चलू सखिया....
कवन नगर के सेनुरिया सेनुर बेचे आयल रे आहे कवन नगर के कुमारी धिया सेनुर बेसाहल हे....
करमी के लत्ती जकाँ लतरथु पुरैन जकाँ पसरथु हे......

जतबा मोटामोटी पढ़लहुँ/देखलहुँ पोथी, ताहि सँ ई अनुमान सेहो भेल,जे संपादक महोदय रचनाकारक क्षमताक अनुरूपेँ हुनका सँ ओहि विषय पर लिखबाक आग्रह केलनि आ ताहि मे सफल भेलाह। कहबाक माने संपादकक काज बड़ कुशलता सँ केलनि अछि। जेना एकटा सिनेमाक डाइरेक्टर केँ हाथ मे रहैत छै,एक्टर सँ कोना नीक सँ नीक काज लिअए, तहिना एकटा संपादकक महत्वपूर्ण रोल रहैत छै एहि तरहक पोथीक प्रकाशन मे। हमरा मोन अछि कहियो संपादक महोदय ई बात अपन फेसबुक पोस्ट मे कहने छलथि "ई पोथी हमर संपादन कलाक परीक्षा हएत।" तँ से हमरा तरफ सँ संपादक जी 'विथ- डिस्टिंक्शन' उत्तीर्ण भेलाह अछि,एहि परीक्षा मे। ई सर्टिफिकेट हम ओहिना नहि देलिअनि अछि। पोथी जे सभ पढ़ताह/पढ़तीह सभ हमर बात सँ सहमति रखताह/रखतीह।

जे लिपिक जानकार छथि हुनका सँ लिपि संबंधी लेख लिखबौलनि,जे समाजशास्त्त्रक ज्ञाता छथि हुनका सँ दूषण पञ्जी पर विस्तृत विवरण बला आलेख। ई संपादकीय कौशल भेल। संपादकीय कौशलक संग संपादक आशीष अनचिन्हार जीक लिखल संपादकीय आ मैथिली चित्रकथा केर प्रारम्भिक इतिहास (2002 सँ 2016) सेहो पाठक केँ सहजहि प्रभावित करतनि।

"मैथिली चित्रकथा केर प्रारम्भिक इतिहास" आलेख सार्थक सूचना ओ तथ्यक आधार पर लिखल गेल अछि,जे एहि पोथी केँ इतिहासक पोथी सन महत्वपूर्ण बनबैत अछि। तहिना पोथीक पहिल खण्ड "पीपरक पात अकासहि डोलए शीतल बहए बसात यौ...."क अन्तर्गत सियाराम झा 'सरस' जी द्वारा लिखल "करौट फेरैत गामक निदर्शक:के. एन. टी." मे गजेन्द्र ठाकुर जीक पिता,कृपानन्द ठाकुर जी सँ जुड़ल अनेकों प्रसंग पढ़ैत नब-नब जनतब भेटतनि पाठक केँ। जे इतिहासे सन महत्वपूर्ण। जाहि मे गजेन्द्र ठाकुर जीक पारिवारिक एवं सामाजिक पृष्ठभूमि सँ नीक जकाँ अवगत होइत, हुनकर गाम मेंहथक इतिहास-भूगोल,सभ किछु सँ परिचित भ' सकैत छथि पाठक। जखन मधुबनी 'जिला' नहि,'अनुमंडल' छलए, तखनुक परिवेश सँ ल' क' गौँआ-घरुआक बीच के. एन. टी.क ख्याति,पुस्तकालय प्रसंग, फुटबॉलक प्रसंग, गुरु-शिष्य ओ सेवा-व्रत धरिक चर्चा भेटत। आलेखक अन्त मे सरस जी भावुक होइत जे लिखलनि अछि-"मुदा कचोटक बात जे एहि चर्चित गुरु-शिष्यकेँ सामाजिक रूपेँ जेहन मान-सम्मान भेटब वांछित छलनि, जकर ई लोकनि सभ तरहेँ अधिकारी छलाह; से भेटि नहि सकलनि।"से ठीके कचोटक बात!

पोथी मे दू-तीन टा साक्षात्कार सभ सेहो देल गेल अछि,जकरा माध्यम सँ रचनाकार दम्पतिक विजन बुझबा मे सुगमता हेतनि पाठक केँ। गजेन्द्र ठाकुर जीक साक्षात्कार मुन्ना जी द्वारा लेल गेल छलए,सन् 2011 मे,सेहो देल गेल अछि एहि पोथी मे।पुरान साक्षात्कार सँ पाठक हुनक ओहि समयक कमिटमेन्ट आ हुनकर एखनुक एक्टिविटी एवं कमिटमेन्ट मे साम्यता ताकि सकताह,से उद्देश्य छनि संपादकक । संगहि नबका साक्षात्कार सेहो देल गेल अछि,जे आशीष अनचिन्हार द्वारा ई-मेलक माध्यम सँ लेल गेल अछि। संगहि आशीष अनचिन्हार द्वारा ई-मेलक माध्यम सँ लेल गेल प्रीति ठाकुर जीक साक्षात्कार,जे संभवत: प्रीति ठाकुरक पहिल आ एखन धरिक एकमात्र साक्षात्कार सेहो छनि,एहि पोथी मे पढ़ि सकैत छथि पाठकगण।

एकर अतिरिक्त इंटरनेट, पञ्जी, शब्दकोश, लिपि, संपादन, साहित्य, नव लेखक केर प्रोत्साहन आदि बहुत विषय पर बहुत रास स्तरीय लेख सभक संकलन अछि ई पोथी।

बहुविधाविद रचनाकार एवं युवा पत्रकार श्री गजेन्द्र ठाकुर जी आ हिनक अर्द्धांगिनी,मैथिलीक पहिल चित्रकथाक लेखिका प्रीति ठाकुर,किछु एहन केलथि जे मैथिली भाषा-साहित्य लेल पहिल काज छलै,आ एहन-एहन पहिल काजक सूची नमहर छनि हिनका लोकनिक। हुनकर सभ काजक सूचना भेटतनि पाठक केँ एहि पोथी मे। संगहि विभिन्न लोक द्वारा ओहि काजक मूल्यांकन करैत आलेख सभ सेहो भेटतनि। एहि पोथी मे हुनकर कएल काजक गुणगान मात्र नहि अछि। नीक/बेजाए सभ बातक चर्चा देखल जा सकैए।

जबरदस्त तरीका सँ बिगुल बजा देल गेल अछि-"मेंहथ गाम, कृपानन्द ठाकुरक अंगना मे बैसि एखन धरि जे अहाँ सभ पढ़लहुँ,से मात्र प्रस्तावना छल। आब एहिठाम सँ डेग उठा रहल छथि दंपति रचनाकार 22म शताब्दीक मैथिली साहित्यिक कोबर लेल जे पूर्णतया सजि क' तैयार छनि खास हिनके लेल। इएह कोबर घर साक्षी बनत नव नव योजना परियोजनाक।इएह कोबर घर साक्षी बनत भाषा-साहित्य केर सिनेहक। इएह कोबर घर साक्षी बनत ओहि नेंओ केर जाहि पर ठाढ़ हएत 32म-35म शताब्दीक मैथिली........" ई शब्द छनि "प्रीती कारण सेतु बान्हल" पोथीक संपादक आशीष अनचिन्हार जीक।

प्रतीक्षा रहत एहि कोबर घर सँ केहन नव-नव योजना-परियोजना बहराइत अछि,तकर।
करमी के लत्ती जकाँ लतरथु पुरैन जकाँ पसरथु हे......

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