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अजित कुमार झा

विकास समिति

आदर्श लोक कॉलोनी मे पहिल बेर एहन घटना घटल छल जकर केओ कल्पना धरि नहि केने छलथि एखन धरि। आदर्श लोक कॉलोनीक सौहार्दपूर्ण वातावरण सेहो अहि कॉलोनी केर नामक अनुरुप छल। लगभग बीस-बाईस बरख पूर्व एत्तह मात्र तारक गाछ आ एकटा विशाल पोखरि छल। अहि शहर केर अधिकांश धोबी कपड़ा धोबय लेल एत्तहि जुटैत छल। हँ किछु लोग माछ मारय लेल सेहो एत्तह जुटैत छलथि। सुनसान रहबाक कारण लोग साँझ के कहय दिन देखार सेहो इम्हर सँ निकलनाई सुरक्षित नहि बुझैत छलथि। पसीबा सब तारक गाछ पर सँ भरल डाबा उतारय आ दोकान सजि जाइत छल। माछ मारनाहर सब सेहो एकर आनन्द उठाबय आ फेर तासक दौड़ चलै। किछु पुरान लोग सबहक कहनाम छन्हि जे एत्तह मरघटियो छल। अहि सँ सटले एत्तह केर औद्योगिक क्षेत्र सेहो छैक जे कि एखन 'बियाडा' केर नियंत्रण मे छैक। एत्तह जमीन ओहि समय माटिक मोल बिकाइत छल मुदा केओ खरीदनाहर नहि । केओ नहि चाहैत छलथि जे हुनकर मेहनत केर कमाई पानि मे चलि जाइक। अहि वीरान जलमग्न इलाका मे किनको भविष्यक कोनो संभावना नहि नजर आबि रहल छलनि। समय परिवर्तनशील छैक आ परिवर्तन प्रकृति केर नियम छैक आ जे समय केर गति केँ समझि जाइत अछि वैह सिकन्दर कहाइत अछि।

धीया पुता रही त' पढ़ाओल जाइत छल जे अपन सबहक देश गामक देश अछि अथवा कहू जे किसानक देश अछि। कृषि एत्तह केर प्रमुख पेशा रहल अछि आ सत्य पुछू त' देशक आत्मा गामे मे बसैत अछि। एहन बात नहि छैक जे रोजी रोटी के तलाश मे अथवा चाकरी लेल लोग प्रवासी नहि बनैत छलथि। ओहि समय त' साझी आश्रम होइत छलै तैँ तेहन सन चिन्ता नहि रहैत छलनि आ सबहक परिवार गामे मे रहैत छलनि। पाबनि तिहार मे एहन परदेसी सब गाम त' अबिते छलथि। अहि केँ अलावे कोनो भी काज प्रयोजन मे सेहो अपन उपस्थिति सुनिश्चित करैत छलथि। एक बात त' तय छलै जे रोजगारक अवधि पूर्ण भेला पर अर्थात् रिटायर भेला पर लोग अपन गाम घुरि अबैत छल। मुदा काल चक्र केँ के थामि सकैत अछि? समय के साथ-साथ लोग सबहक सोच सेहो बदलैत गेलै। साझी आश्रम टूटय लागल आ धीरे-धीरे जिनका जेना सामर्थ्य भेलनि अपन परिवार केँ सेहो संग ल' जाय लगलनि। गामक स्थिति सेहो बदललै आ मात्र खेती बारी पर निर्भर रहनाइ कठिन भ' गेल। कखनो रौदी, त' कखनो दाही सँ बुझु जे किसान सबहक कमर टूटय लागल। धीरे-धीरे किसान सब मजदूर बनय लेल मजबूर भ' गेलाह आ बहुत तेजी सँ गाम छोड़ि शहर केर तरफ पलायन करय लगलाह। पूरा गामक व्यवस्था चौपट होबय लागल। सच पुछू त' बुझाय लागल जेना गामक गाम वीरान भ' गेल अछि। सब सँ पैघ गप्प त' ई छल जे आब रिटायरमेन्ट केँ बाद लोग गाम आबय सँ परहेज करय लगलाह आ ओत्तहि बसय लगलाह। जे सक्षम नहि छलथि सेहो कहुना कर्ज साधि क' आसपास केर शहर ओगरय लगलनि। एकर प्रमुख कारण छल धीया पुताक पढ़ाई लिखाई संग ओकर उज्ज्वल भविष्यक चिन्ता। एहन सन परिस्थिति कोनो आपदा सँ कम नहि छल।

समय केँ गति बूझय वाला लोग सब आपदा केँ अवसर मे कोनो परिवर्तित कैल जाइत छैक ताहि कला मे निपुण होइत छथि आ ओ सब जाग्रत भेलाह। शहरी करण केर दौड़ शुरु भेल आ गाछ वृक्ष सब बेधड़क कटाय लागल। डबरा आ खत्ता सब केँ के पूछय बड़का बड़का पोखरि सब मे सेहो माटि भराय लागल। देखिते देखिते महानगर वाला खेला सब अहि ठाम सेहो शुरु भ' गेल। शहर मे जमीन खरीदबाक बेगरता लोग सब केँ बुझाय लगलनि। कागज पर प्लाटक नक्शा बनय लागल आ सगरो प्रॉपर्टी डीलर सब कुकुरमुत्ता जँका उगि आयल। जाहि जमीन केँ लोग माटिक मोल नहि लेबय चाहैत छलथि तकर दाम सेहो देखित देखिते आकाश ठेकय लागल। एक तरहें गामक जमीन बेचि शहर मे जमीन खरीदबाक जेना उजाहि उठि गेलै।

हम जाहि आदर्श लोक कॉलोनी केर कथा कहि रहल छलहुँ ओहो अही दौड़ मे आकार लेबय लागल छल। ओहि समय एकर नामकरण नहि भेल छलै मुदा किछु त' नाम रहले हेतैक जे हमरा नीँक जँका नहि बूझल अछि। खैर ओकर कोन प्रयोजन जे लोग एकरा खजुरबन्नी कहैत छलै आ कि धोबिया घाट? तारक गाछ सब कटाय लागल आ कहुना ट्रेलरे ट्रेलर माटि भराय लागल। चारि गोटे मिलि क' साझी कारोबार शुरु कैलनि आ जमीन बिकाय लागल। माटि भराइक एवं लगले जमीन बिका जाइक। आई एक रेट मे त' काल्हि दोसर रेट मे। जेना जेना बिकाइक जमीनक रेट और बढ़ि जाइक। एहन तेजी त' हर्षद मेहता केँ समय मे शेयर मार्केट केँ सेहो नहि छलै। हम जखन जमीन रजिस्ट्री सँ पहिने एत्तह जमीन देखय आयल छलहुँ तखन हमरा जमीनक दर्शन नहि भेल छल। बुझु जे पानि मे चारिटा खुट्टा गाड़ल छल जे कि ओकर चौहद्दी छलै कहाँदन। हम माटि भराय केर प्रतीक्षा नहि क' सकैत छलहुँ कारण जाहि तेजी सँ रेट भागि रहल छल हमर बजट गड़बड़यबाक पूर्ण संभावना छल। प्राॅविडेन्ड फंडक लोन केर सेहो एकटा सीमा छल। हम धड़फड़ायल छलहुँ आ बुझु जे भगवान भरोसे जमीनक नहि पानि केर रजिस्ट्री करा क' एकलेखे गंगा नहा लेने छलहुँ। छुट्टी सेहो खत्म छल तैँ ट्रेन पकड़ि अपन गंतव्य केर लेल रवाना भेलहुँ।

लगभग छ: बरख बाद नौकरी सँ अवकाश प्राप्त कयलाक उपरांत हम अपन शहर मे घुरि अयलहुँ। एहन नहि जे छ: बरखक बाद घुरल रही। साल मे दू बेर त' निश्चित रूप सँ अबैत छलहुँ आ कखनो काल समय निकालि अपन रजिस्ट्री करायल पानिकेँ भीतर गाड़ल चारु खाम्ह देखय लेल अबैत छलहुँ । हँ आब ओत्तह माटि भरा गेल छलै। एक बेर छुट्टी मे प्रयास कय बाउण्ड्री वाला काज कहुना करबा लेने छलहुँ। हमर बाउण्ड्री केँ पच्छिम तरफ एखनहु विशाल पोखरि मौजूद छल। किराया पर एक ठाम समय नीँक जँका बीति रहल छल मुदा एक राति साओन मे बरखा वाला पानि घर मे घुसि गेल आ बहुत रास नोकसान भेल। ओहि केँ बाद अपन एकटा छोट छिन बसेरा ठाढ़ करबाक विचार मोन मे जोर मारय लागल। अहि विचार केँ मूर्तरूप देबाक उपक्रम मे लागि गेलहुँ। संयोग सँ होम लोन सेहो भेटि गेल त' गृह निर्माण केर कार्य जोर पकड़ि लेलक आ एक दिन अपन घर मे प्रवेश करबाक शुभ मुहूर्त सेहो आयल। आब एकरा माया कहियौ अथवा किछु आओर मुदा ई त' सत्य छैक जे अपना सँ निर्माण कराओल घर मे प्रवेश करबाक अनुभूति निस्संदेह सुखद होइत छैक। अहि कॉलोनी केर नामकरण हमरा आबय सँ लगभग दू बरख पहिनहे भ' चुकल छल। हँ आदर्श लोक कॉलोनी एकर नाम पड़ल छल। लगभग आधा सँ बेसी कॉलोनी बसि चुकल छल। जे सब शुरु मे आयल छलथि हुनका सब केँ बड्ड तपस्या करय पड़ल छलनि। सड़क कच्ची छलै आ बरसात मे लगभग डाँड़ भरि पानि लागल रहैत छलै। धीरे धीरे लोग सब माटि आ छाउर भरबा क' कहुना चलय लायक रास्ता बनाबय मे सफल भेल छलाह। बिजली केँ पोल नहि छलै त' कहुना बाँस बल्लाक सहारा सँ तार घीचि क' आनल गेल छल। एत्तह महानगर वाला प्लान कैल प्लाटिंग थोड़बे होइत छैक। एत्तह त' बस कहुना माटि भरि क' जमीन बेचल गेल छल। बिजली, पानी एवं सड़क सन बुनियादी सुविधाक हेतु लोग दौड़ैत रहय। जेना जेना लोग गृह निर्माण करैत गेलाह अहि कॉलोनीक क्रमिक विकास होइत गेल। हमर गृह प्रवेश सँ पूर्व एत्तह सड़क पर खरंजा भ' गेल छल। गृह प्रवेशक उपरांत पहिल राति हमरा मोन मे डर पैसि गेल जे कहीं हमर मकानक पछबरिया हिस्सा पोखरि मे नहि भासि जाय। पछबरिया खिड़की सँ हमर सबहक चौक पर अवस्थित अहि शहरक नामी गिरामी विद्यालय सोझे देखाई पड़ैत छल। बुझु जे पोखरि केँ एक किनार पर हमर घर आ दोसर किनार पर ओ विद्यालय छल। एखनहु धोबी सब जुटैत छल आ नाव पर चढ़ि मलहा जाल सेहो फेकैत छल माछ मारय लेल। छठि सेहो किछु गोटे ओत्तह घाट बना क' केने छलथि। सरस्वती पूजाक विसर्जन सेहो अहि मे देखबाक सौभाग्य भेटल। जाहि पछबरिया देवाल केँ पानि मे भासि जयबाक भय भेल छल से भय साल भरि बाद निपत्ता भ' गेल।

अपन नौकरी के दौरान ट्रान्सफर पोस्टिंग केँ चक्कर मे लगभग पूरा भारत भ्रमण भ' गेल छल। हमर अन्तिम पोस्टिंग पुणे मे छल आ ओ शहर तेहन छैक जे एकबेर जे ओत्तह जाइत अछि तिनका लेल ओत्तह सँ घुरि क' एनाइ मुश्किल । हमर सौभाग्य जे हमरा अपना जिला मुख्यालय मे आबय केर अवसर भेटल आ हम पुणे सन शहर केर माया जाल सँ निकलि एत्तह आबय मे सफल भेलहुँ। मित्र वर्ग ई कहि डेराबय लगलाह जे लोग आगू दिस बढ़ैत अछि आ हम कहाँ दन पाछू दिस घुसकुनिया काटय लेल बेहाल छलहुँ। हमहूँ दृढ़ प्रतिज्ञ छलहुँ तैँ किनको कोनो बातक प्रभाव हमरा पर नहि पड़ल आ एकदिन हम अपने शहर मे अन्चिन्हार जँका ठाढ़ छलहुँ। निस्संदेह मोन मे बहुत रास शंका सेहो छल मुदा समय केर साथ सब शंका दूर होइत चलि गेल। अहिठाम आबि हमरा कोनो तेहन सन कष्ट नहि बुझायल से कहब कनिक झूठ होएत मुदा तैयो हमरा कोनो पश्चाताप नहि भेल किएक त' हम अपन शहर केर वास्तविकता सँ पूर्णतया परिचित छलहुँ। ओनाहुतो हम कोनो भ्रम कहियो नहि पोसैत छी जे मोने मोन अपन शहर केर तुलना कोनो महानगर सँ करी। हँ न'ब परिवेश मे सामंजस्य बैसाबय मे कनिक समय लगनाइ स्वाभाविक बात छैक से हमरो लागल। निस्संदेह अहि लेल कनिक बेसी परिश्रम धीया पुता केँ करय पड़लै। खैर आब त' हमहूँ आनन्द लोक कॉलोनी केर अधिकृत बाशिन्दा भ' गेल छलहुँ। अहिठाम आबि धीरे धीरे लोग सब सँ परिचय भेल आ मेल जोल बढ़ल। सब गोटे बड्ड मिलन सार आ पाबनि तेहार मे त' एकदम घरैया माहौल। पहिल होली हमरा लेल यादगार रहल। पुरना गाम घरक माहौल सन बुझायल। पुरुख सबहक एक टोली, महिला सबहक सेहो अपन टोली आ धीया पुता सबहक उमर केँ हिसाब सँ अनेक टोली पूरा कॉलोनी मे घूमि घूमि क' होली खेलाय मे मातल। साँझखन एकठाम खानपान संग सांस्कृतिक आयोजन सेहो छल। दीया बाती मे सेहो बड्ड मेल जोल देखि मोन अभिभूत भ' उठल। छठि मे त' हम सब गाम चलि जाइत छी अन्यथा एत्तहु बड्ड नीँक आयोजन रहैत छैक। विवाह शादी केर अवसर पर पूरा काॅलोनी एक परिवार जँका बुझाइत अछि। सुख दुःख मे सब एक दोसर केँ लेल सहोदर जँका ठाढ़ भेटत। आब त' गामो घर पर एहन परिवेश भेटनाइ मुश्किल । एकटा कहबी छैक जे सब दिन होत न' एक समाना।अहि सदीक सब सँ पैघ त्रासदी कोरोना केँ रुप मे आयल। लोग स्वप्नों मे कहियो एहन भयावह क्षण केर कल्पना नहि केने छल। संपूर्ण लाॅक डाउन सँ जे परिस्थिति बनल से कि कहियो बिसरल जा सकैत अछि? घर सँ निकलनाइ मुश्किल छल। हमरो सबहक काॅलोनीक सड़क एकदम सूनसान छल। केओ ककरो घर नहि जाइत छल आ एहन मे मात्र मोबाइले फोन सब केँ एक दोसर सँ जोड़ि क' रखने छल।

मीडिया त' कोनो चीज केँ ततेक न' भयावह रुप मे देखबैत अछि जे लोग सब डेरायल छल आ सबहक मनोबल टूटि रहल छलै। नित्य एहन अनेको घटना केर वर्णन भेटैत छल जाहि सँ बुझि ओड़ैत छल जे मानवता कलंकित भ' रहल अछि। अहि बात केँ पूर्णरूपेण नकारल त' नहि जा सकैत छल मुदा पूर्णतया स्वीकार करबा योग्य सेहो नहि छल। अहि बातक अनुभूति हमरा तखन भेल जखन हम स्वयं कोरोनाक चपेट मे अयलहुँ। हमर सबहक अहि आदर्श लोक कॉलोनी मे संभवतः हमहीं प्रथम व्यक्ति छलहुँ जे कि कोरोना पाॅजिटीव घोषित भेल छलहुँ । हम अपन समस्त परिचित केँ अहि बातक सूचना अति शीघ्र व्हाट्स एप्प पर शेयर क' देलहुँ ताकि जे भी हमरा संपर्क मे छलथि से अपन जाँच करबा सकथि। रिपोर्ट अबिते हम अपन जरुरत केँ किछु सामान आ लेखन सामग्री ल' क' अपन एकटा कमरा मे कैद भ' गेलहुँ। हँ अपन मोबाइल आओर चार्जर लेनाइ आखिर कोना बिसरि सकैत छलहुँ? लगभग पन्द्रह दिन हम एकान्त वास मे रहलहुँ मुदा परिवारक सब सदस्य आ काॅलोनी वासी हमरा एक पल केँ लेल एकान्त मे नहि रहय देलनि। लगातार फोनक मार्फत सब हमर हौसला बढ़बैत रहलनि। जे बाजार केँ तरफ जाइथ से एक बेर हमरा सब सँ पूछि लैत छलथि जे कोनो समान मंगाबय के अछि कि नहि? आखिर हम कोना कहू जे मानवता खत्म भ' रहल अछि। हमर कॉलोनी मे बहुत गोटा कोरोना सँ पीड़ित भेलाह मुदा सब एक दोसर केर सहारा बनल रहलाह। कहबा मे हमरा कनिको दुविधा नहि भ' रहल अछि जे विपत्तिक अहि क्षण मे सेहो हमरा सुखद अनुभूति होइत रहल। समय चाहे सुख केर होउक अथवा दुःख केर सबहक एकटा समय सीमा होइत छैक। आम जन जीवन धीरे धीरे पटरी पर आबय लागल। जान माल केँ जे क्षति भेलैक तकर सही जानकारी भेटनाइ त' मुश्किल अछि मुदा एकटा बात यथार्थ छैक जे मानव समाज केँ बहुत किछु सिखा क' गेल कोरोना।लाॅक डाउन त' खत्म भेल मुदा बहुत ठाम खास क' आइ टी सेक्टर मे वर्क फ्रॉम होम केर कल्चर जे चालू भेल छल से एखनहु चलि रहल अछि। सरकार केँ तरफ सँ हर संभव प्रयास भेलै मुदा अपन देश मे एहन बयान विवादित बनि जाय त' कोनो पैघ गप्प नहि। थाड़ी पिटला सँ किछु भेलै से त' नहि कहब तखन लाॅक डाउन एवं टीकाकरण केर असर निश्चित रूप सँ पड़लै एकरा कन्ट्रोल करय मे। भले ही धीरे धीरे सब किछु सुचारु ढ़ंग सँ चलय लगलै मुदा एकटा पैघ परिवर्तन स्पष्ट रूप सँ देखय मे आयल जे लोग सब भीड़ सँ बाँचय केर प्रयास मे फराक फराक रहय केर अभ्यस्त भ' गेल छथि। एहन मे ओ पहिने जँका होली, दीपावली आ छठि सन पर्व त्यौहार मे उत्साह नहि रहैत अछि। हमर सबहक आदर्श लोक कॉलोनी मे फेर कहियो पहिने सन डम्फा,ढोल आ झाल-मजीरा वाला होली नहि भेल। बस हैप्पी होली मे सिमित भ' क' रहि गेलाह सब। दीपावली आ छठि सेहो आब फीका भ' गेल अछि।

अहि कॉलोनीक किछु बुजुर्ग लोकनि आपस मे विचार कयलनि जे कोनो छुट्टी केँ दिन एकटा सामूहिक बैसार कैल जाय। अगिला रवि दिन प्रात: काल आठ बजे प्रोफेसर साहेब केर आवास पर ई बैसार होयब तय भेल। कॉलोनी केर सदस्य सब काफी उत्साहित छलथि आ तकर प्रमुख कारण छल जे कोरोनाक प्रादुर्भाव केँ समय सँ कोनो तरहक सामूहिक आयोजन नहि भेल छल। नियत तिथि एवं समय पर सब गोटे जमा भेलनि। आजुक सभा केर अध्यक्षता एक वयोवृद्ध व्यक्ति कयलनि। हुनक आदेश पाबि प्रोफेसर साहेब सभा केँ संबोधित करैत कहलनि: " आदर्श लोक कॉलोनी केर उपस्थित सब सदस्य केँ हार्दिक अभिनन्दन। आजुक बैसार किएक से जानय केर उत्सुकता होयब स्वाभाविक । अहि बीच अखिल विश्व जाहि त्रासदी केर सामना कयलक से किनको सँ छुपल नहि अछि। कमोबेश सब गोटे अहि सँ प्रभावित भेलहुँ। ईश्वर केर कृपा सँ अपन सबहक कॉलोनी मे कोनो तेहन सन दुखद घटना नहि घटल। अहि भीषण त्रासदी सँ शिक्षा लेब बहुत जरुरी अछि, विशेष रुप सँ स्वच्छता केँ ल' क'। एहन मे कॉलोनीक विकास सँ जुड़ल कार्यक निष्पादन हेतु एकटा विकास समिति बनबाक चाही।" अतेक सुनिते उपस्थित जन समूह कर्तल ध्वनि सँ अपन सहमति जनौलनि। दू चारि गोटे और अहि सभा केँ संबोधित कयलनि आ प्रोफेसर साहेब केँ सुझाव पर अपन सहमति जनौलनि। पहिने त' एकटा समिति केर गठन भेल जाहि मे अध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष एवं अन्य पाँच गोट नवतुरिया अहि समिति मे रहय ताहि पर सहमति बनल। सर्वसम्मति सँ कॉलोनीक एक वरिष्ठ सदस्य प्रोफेसर साहेब केँ अध्यक्ष, एकटा नवयुवक केँ सचिव आ बैंक मे कार्यरत शर्मा जी केँ कोषाध्यक्ष बनाओल गेल आ संगहि पाँच टा नवयुवक केँ सेहो सहयोगक हेतु ओहि समिति मे राखल गेल। उपस्थित लोकनि आ नवगठित समिति केर सहयोग सँ समितिक क्रिया कलापक विषय मे विस्तृत चर्चाक उपरान्त निम्न बिन्दु पर सहमति बनल :-
1. घरक कूड़ा कचरा पोलिथिन मे भरि क' कोनो भी खाली प्लाॅट, नाली अथवा यत्र-तत्र-सर्वत्र नहि फेकल जाय। नगर निगम सँ कचरा उठाबय वाला जे गाड़ी अबैत अछि ताहि मे राखल जाय।
2. पानी टंकी केर पाईप , छत एवं बरामदा सँ पानी सड़क पर नहि खसाओल जाय।
3. परमानेन्ट वाहन पार्किंग सड़क पर नहि कैल जाय। बेर कुबेर गली सँ निकलय मे काफी कष्ट केर सामना करय पड़ैत छैक। कोनों तरहें सड़क केर अतिक्रमण नहि होएबाक चाही।
4. बिजली केर पोल एवं ओहि पर स्ट्रीट लाइट केर व्यवस्था कैल जाय। अन्हार आ लटकल तार सँ कखनो दुर्घटना केर संभावना छल।
5. प्रतिमाह प्रत्येक घर सँ ₹ 100/- क' फंडमे जमा होयबाक चाही ताकि साफ सफाई वाला काज करबाबय मे दिक्कत नहि होइक।
6. कॉलोनीक सड़क केर ढलयबाक हेतु सबहक सहयोग सँ समिति वार्ड पार्षद, नगर निगम, विधायक एवं सांसद महोदय लग ज्ञापन दैत निरन्तर प्रयास कैल जाय।
समितिक क्रिया कलापक जे प्रारुप तैयार भेल ताहि पर सब गोटेक पूर्णरूपेण सहमति छलनि। अगिला बैसार एक महीना केर बाद होएत से तय भेल‌। कॉलोनीक जे व्हाट्स एप्प ग्रुप छल वैह ई समिति उपयोग करत ताहू पर सहमति बनि गेल छल तैँ आजुक बैसारक विस्तृत रिपोर्ट सचिव महोदय अहि ग्रुप पर पोस्ट कयलनि।

आदर्श लोक कॉलोनी केर विकास समिति अपन कार्य मे पूर्ण उत्साह सँ लागि गेलाह। मासिक शुल्क जमा होबय लागल। घरे घरे जा क' सबकेँ जागरुक करबाक अभियान शुरु भेल। वार्ड पार्षद केर सहयोग सँ नगर निगम केर कर्मचारी सँ संपर्क कैल गेल आ कचरा उठाव वाला गाड़ी अपन कॉलोनी मे नियमित रूप सँ आबय लागल। नाली सबहक सफाई करबाओल गेल आ ब्लीचिंग पावडर केर छिड़काव भेल। नवयुवक सबहक मेहनत रंग लाबि रहल छल मुदा अगिला बैसार सँ दू दिन पूर्व प्रोफेसर साहेब व्हाट्स एप्प ग्रुप पर समितिक अध्यक्ष पद सँ त्याग पत्र पोस्ट कय सब केँ अचंभित कय देलनि। किनको किछु समझ मे नहि अयलनि जे आखिर किएक ओ त्याग पत्र पोस्ट कयलनि? अपन पोस्ट मे ओ कोनो कारण केर खुलासा नहि केने छलथि। लोग सब फोन पर संपर्क करबाक प्रयास केलकनि मुदा ओ फोन नहि उठौलनि। बैसारक दिन लोग सब जमा भेल मुदा ओ नहि अयलाह। निर्णय भेल जे किछु गोटे हुनकर घर जा क' बैसार मे उपस्थित होबय लेल मना क' लाबथि। बहुत प्रयासक उपरान्त ओ अयलाह मुदा ओ किछु नहि बाजि रहल छलथि। किछु बुजुर्ग लोकनि जखन समझेलखिन त' ओ सचिव महोदय केँ प्रति अपन नाराजगी जाहिर करैत कहलनि जे सचिव महोदय केँ रहला सँ ओ अहि समिति मे नहि रहताह। लोग सब असमंजस मे छलथि। आखिर एहन कोन कारण छलै जे सचिव महोदय सँ अतेक नाराज छलथि? प्रोफेसर साहेब केँ बात सुनि जवाबी फायर करैत सचिव महोदय जे कहलनि ताहि सँ प्रोफेसर साहेब केर नाराजगी केर कारण सबकेँ बूझय मे अयलनि। प्रोफेसर साहेब केर किराया दार नित्य अपन गाड़ी सड़क पर पार्क करैत छलाह एवं राति बिराति लोग सब केँ परेशानी सेहो होइत छलनि। अहि बात केँ ल' क' सचिव महोदय टोकि देलखिन आ प्रोफेसर साहेब केँ रोख लागि गेलन। उपस्थित सदस्य लोकनि सचिव महोदय केर काज सँ संतुष्ट छलथि तैँ सब सचिव महोदय केँ हटाबय लेल तैयार नहि। सब बाजय लगलाह जे नियम त' सबहक लेल बनल छलै त' अहि मे सचिव महोदय केर कोन गलती? प्रोफेसर साहेब केँ प्रतिष्ठा पर पड़लनि त' ओ ओत्तह सँ उठि विदा भेलाह। आब कि कैल जाय? कालोनी मे एकटा सेवानिवृत्त मास्टर साहेब छलथि त' लोग सब आग्रह कय हुनका अध्यक्ष नियुक्त कयलाह आ सभा केर कार्यवाही आगू बढ़ल‌। मास भरि मे जे काज सब भेल छल तकर चर्चा भेल आ कोषाध्यक्ष महोदय आमद खर्च केर ब्यौरा पढ़ि क' सुनौलनि। अहि केर उपरान्त बैसार खत्म भेल मुदा व्हाट्स एप्प ग्रुप पर घोंघाउज शुरु भ' गेल आ साँझ होइत होइत प्रोफेसर साहेब आ अन्य चारि गोटे अहि ग्रुप सँ विदा लेलनि। कहबाक प्रयोजन नहि जे ओ सब गोटे जातीयता केर आधार पर भेद भाव केर आरोप लगा क' अपना आप केँ अलग थलग क' लेलनि। नबका अध्यक्ष महोदय अर्थात् मास्टर साहेब सब गोटे सँ भेँट कय समझाबय केर प्रयास त' कयलनि मुदा सफलता नहि भेटलनि। आदर्श लोक कॉलोनी मे भेदभाव केर बीज अंकुरित होबय लागल। फेर किछु गोटे ग्रुप छोड़लनि। अहि बेर ओ व्यक्ति लोकनि छलथि जिनका घरक छत, बरामदा अथवा पानी टंकी सँ पानि सड़क पर खसैत छल। एक तरहें दूगोला भ' गेलै। जिनका सुधार कार्य हेतु टोकल जाइत छल वैह ग्रुप छोड़ि दैत छलथि। गजब तमासा चलि रहल छल। दिन राति उकटा पैंची होइत रहैत छल मुदा समितिक नवयुवक सब दृढ़तापूर्वक परिस्थितिक सामना करैत अपन लक्ष्य प्राप्ति लेल सतत् प्रयास करैत रहलाह। सबहक सोच एक समान त' भ' नहि सकैत छैक। किछु गोटे अपन पाइप सड़क पर सँ हटबा लेने छलथि। साल भरि मे विकास समिति द्वारा बहुत रास काज भेल। बिजली विभाग सँ पोलक आवंटन त' भ' गेल मुदा आपसी तनातनी केर कारण एकरा लगबाबय मे तीन डिबिया तेल जड़ल। एक गोटा अपन घरक दीवाल के सामने पोल गाड़य पर आत्म दाह केर धमकी तक द' देलनि। अन्त मे एकटा पोल बिजली विभाग वापस ल' जाय लेल मजबूर भेल। पग पग पर बाधा छल मुदा समिति संघर्ष करैत रहल आ समझबूझ केँ साथ सतत् आगू बढ़ैत रहल। कॉलोनी मे नबका ट्रान्सफार्मर सेहो लागल आ संगहि पोल पर वैपर लाइट लागि गेल। समितिक सदस्य सब केँ अहि सँ न'ब ऊर्जा भेटलनि आ हुनकर सबहक अथक प्रयास सँ कॉलोनीक सड़क पास भ' गेल मुदा सड़क ढ़लाई केर समय एकटा अलगे समस्या ठाढ़ भ' गेल। नाला निर्माण लेल गड्ढा केर कोन तरफ सँ काज शुरु कैल जाय ताहि पर विवाद भेल आ विभागीय जाँच केर आदेश आबि जाय केर कारण काज शुरु होबय मे विलम्ब भेल मुदा खुशी केर गप्प जे कहुना काज शुरु भेल। आब प्रकृति अपन रूप देखौलक आ सप्ताह भरि जमि क' बरखा होइत रहल। खरंजा उखड़ल छल। नाला लेल गड्ढा खोदल छल आ गली सब मे भरि ठेहुन पानि जमा भ' गेल छल। काज बाधित भेल से अलग स्थिति कुल मिला क' नारकीय भ' गेल छल। लगभग एक महीना बाद पुन: कार्य शुरू भेल। नाला निर्माण केर बाद सड़क पर माटि भराई केर काज भेल। सड़क ढ़लाई लेल आब सोलिंग वाला काज शुरू भेल आ ठिकेदार मैटेरियल खसायब शुरु कैलक। एक दिन मजूर आ मसीन ल' क' ढ़लाई केर काज शुरू करबाक लेल ठिकेदार उपस्थित भेल मुदा दोसर गुट अड़ंगा लगा देलक आ ओहि दिन काज शुरू नहि भ' सकल। दोसर दिन सेहो वैह स्थिति बनल आ काज शुरू नहि भ' सकल। विकास समिति बैसार कैलक आ भारी संख्या मे लोग सब जुटल आ नगर निगम वाला जुनियर इंजीनियर आ ठेकेदार सँ कहल गेल जे या त' काज शुरु करु अन्यथा मैटेरियल आ अपन तामझाम हटा क' हमर सबहक सड़क खाली करु। ई धमकी कारगर रहलै एवं अगिला दिन समिति ओ मोहल्ला वासी केर उपस्थिति मे ई शुभ कार्य शुरु भेल। धीरे धीरे काज अपन रफ्तार पकड़लक। आरोप प्रत्यारोप सेहो चलैत रहलै। मनुक्खक स्वभाव होइत छैक जा ओकर मोन लायक बात करैत रहियौ त' अहाँ सँ नीँक केओ नहि आ जौँ ठाँहि पठाँहि सत्य बाजि दियौ त' फेर अहाँ सन अधलाह केओ आन नहि‌। सुधारक काज होउक मुदा से आन लेल किएक त' अपन टेटर लोग केँ नहि सूझैत छैक मुदा ओकर निदान सेहो बहुत जरुरी छैक। आन जे करय से गलत आ हम जे करी सैह मात्र सही आ टोकला पर जातिगत समीकरण देखब कहाँ धरि उचित? विकास समिति बनलाक उपरान्त आदर्श लोक कॉलोनी मे विकासक काज त' खूब भेल मुदा अहि केँ लेल भारी मूल्य चुकाबय पड़लै। जाहि सुख सुविधा केर कमी छलै से त' पूर भेल मुदा अहि कॉलोनी केर निवासी केँ अपन सामाजिक समरसता एवं सौहार्दपूर्ण वातावरण के ल' क' जे गर्व छलनि से चकनाचूर भ' गेल। सुख दुःख मे सदैव एकजुट रहय वाला आदर्श लोक कॉलोनी मे पहिल बेर एहन घटना घटल छल जे किनको बेटी केर विवाहक शुभ अवसर पर समितिक सचिव केँ आमंत्रण नहि भेटल छलनि। कोनो भी समाज मे आपस मे मतभेद भेनाइ कोनो बड़का बात नहि छैक मुदा मनभेद किन्नहु उचित नहि। बेटी विवाहक शुभ अवसर पर अपन आशीष देबय वाला लोगक भीड़ त' छल आ उच्च स्वर मे शहनाई सेहो बाजि रहल छल मुदा आदर्श लोक कॉलोनी वाला ओ पुरना उल्लास नदारद छल।


-अजित कुमार झा, मो० नं० 9472834926

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